Crop Cultivation

गर्म मौसम की स्थिति के दौरान तेल ताड का प्रबंधन कैसे करें?  Oil palm is a humid tropical crop which requires a very high annual rainfall of more than 2000 mm well distributed @150 mm per month. In India, very few locations receive rainfall throughout the year and it is not sure that the amount will exceed 150 mm per month or not. That is why oil palm is grown and promoted as irrigated crop in India except in few pockets of high rainfall areas. This crop requires around 150 to 200 litres of water per day per palm during juvenile phase and around 200 to 250 litres per day per palm...

Baby Corn Production Technology मक्के के अनिषेचित भुट्टे को बेबी काॅर्न कहते हैं। इसकी लम्बाई 6-12 सेमी. एवं ब्यास 1-1.5 सेमी. होता है। अच्छा बेबी काॅर्न हल्के पीले रंग का होता है। सिल्क आने के 1-3 दिन के अन्दर इसकी तुड़ाई करनी चाहिए। एक वर्ष में बेबी काॅर्न की 3-4 फसलें ली जा सकती हैं। इसकी कम लागत में उत्पादन, देश के भीतर उच्च मांग, आशाजनक बाजार, मूल्य संवर्धन की गुंजाइश,  स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहायता और बढ़ी हुई आय के कारण यह किसानों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। ताजी भुट्टों की कटाई के बाद बेबी काॅर्न के बचे हुए डंठल और पत्तियां पशुधन के खाद्य पदार्थाें और साइलेज के रूप...

Multi cut fodder sorghum cultivation technique.  भारत में मात्र 4 प्रतिशत भूमि पर चारे की खेती की जाती है तथा एक गणना के अनुसार भारत में 36 प्रतिशत हरे चारे एवं 40 प्रतिशत सूखे चारे की कमी है | अत:  हमें उन चारा फसलों की खेती करनी होगी जो लम्बे समय तक पशुओं को पोष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराने के साथ साथ हमारी जलवायु में आसानी से लगाई जा सके| शरद ऋतू में बरसीम, जई, रिजका, कुसुम आदि की उपलब्धता मार्च के पहले पखवाड़े तक बनी रहती है किन्तु बहु कट चारा ज्वार से पशुओं को लम्बे समय तक हरा चारा आसानी से मिल सकता है। ज्वार का चारा स्वाद एवं गुणवत्ता में बहुत अच्छा होता...

Strawberry farming, perfect instrument of more income  स्ट्राबेरी एक महत्वपूर्ण नरम फल है,जिसको विभिन्न प्रकार की भूमि तथा जलवायु में उगाया जा सकता है। यह पॉलीहाउस  के अंदर और खुले खेत दोनों जगह हो जाता है। इसका पौधा कुछ ही महीनों में फल दे सकता है। इस फसल का उत्पादन बहुत लोगों को रोजगार दे सकता है। स्ट्रॉबेरी दुसरे फलों के मुकाबले जल्दी आमदनी देता है। यह कम लागत और अच्छे मूल्य का फल है। स्ट्रॉबेरी फ्रेगेरिया जाति का एक पौधा  होता है, जिसके फल के लिये इसकी विश्वव्यापी खेती की जाती है। स्ट्रॉबेरी की विशेष गन्ध इसकी पहचान है। ये चटक लाल रंग की होती है। इसे ताजा फल के रूप में खाया जाता...

Cultivation Technique of Beneficial Dragon Fruit (pitaya or pitahaya) ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद और पोषक तत्त्वों से भरपूर फल माना जाता है। ड्रैगन फ्रूट का फल अंदर से काफी मुलायम और बहुत टेस्टी होता है। केक्टस की नस्ल से निकलने वालेे  ड्रैगन फ्रूट में हमारे शरीर के लि‍ए अच्छे प्रोटीन की काफी मात्रा उपलब्ध रहती है। यह एक अनोखा फूल है जो रात के समय जयादा तेजी बढ़ता है और इसी लि‍ए इसका एक फेमस नाम  क्वीन ऑफ़ द नाईट भी है । ड्रेगन फ्रूट मुख्य रूप से थाइलैंड, वियतनाम, इज़रायल और श्रीलंका में लोकप्रिय है। बाजार में 150 -200 रु कि‍लो तक दाम मिलने की वजह से हाल के दिनों में...

Spirulina (Arthro spira platensis) cultivation for low investment and high income स्पिरोलिना (ऑरथो स्पाइरा प्लैटेंसिस), एक नील हरि‍त शैवाल (Blue green algae) है। यह एक पौष्टिक प्रोटीन आहार पूरक है और इसका उपयोग कई दवाओं के निर्माण और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है। इसमें  प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट्स, कई विटामिन और खनिज प्रचूर मात्रा पाए जाते है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए यह एक सूपर फूड के रूप में जाना जाता है। कृषि में बढती लागत व कम रि‍टर्न के कारण कि‍सान की आय में नि‍रंतर गि‍रावट आ रही है। कि‍सान की आय को बढाने के लि‍ए स्‍पाईरूलि‍ना की खेती में बहुत संभावनाऐ नजर आती है। आजकल एक किलो सूखे स्पिर्युलिन पाउडर (Dry...

Improved dense orchard techniques of nutrient fruit lychee लीची एक फल के रूप में जाना जाता है। जिसे वैज्ञानिक नाम लीची चाइनेन्सिस से बुलाते है। इसका परिवार है सोपबैरी। यह ऊपोष्ण कटिबन्धीय फल है, जिसका मूल निवास चीन है। लीची के फल अपने आकर्षक रंग, स्वाद और गुणवत्ता के कारण भारत ही नहीं बल्कि विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बनाये हुये है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसके अलावा प्रोटीन, खनिज पदार्थ, फास्फोरस,  चूना, लोहा, रिबोफ्लेविन तथा विटामिन-सी इत्यादि पाये जाते हैं। इसका उपयोग डिब्बा बंद, स्क्वैश, कार्डियल, शिरप, आर.टी.एस., लीची नट इत्यादि बनाने में किया जाता है। लीची को सघन बागवानी के रूप में सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है। परन्तु इसकी...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

Scientific cultivation of capsicum. किसान भाई शिमला मिर्च की खेती करके लाखों कमा सकते हैं । शिमला मिर्च की उन्नतशील किस्मों की खेती की जाए तो किसानों को करीब-करीब 30 से 50 क्विंटल प्रति एकड़ फसल की प्राप्ति हो सकती है । शिमला मिर्च की खेती हरियाणा, पंजाब, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि प्रदेशों में अच्छी तरह से की जा सकती है । तो जानते है कैसे शिमला मिर्च की खेती को वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है और कैसे आप इसे लाभदायक व्यवसाय बना सकते हैं | शिमला मिर्च की खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आप दो से चार महीने में अच्छा लाभ  कमा  सकते हैं । अगर  आप सही तरीके से...

Watermelon and Muskrmelon cultivation for more income in less time     तरबूज (वैज्ञानिक नाम - सिटीलुस लैनाटस ) और खरबूजा (वैज्ञानिक नाम - कुकुमिस मेलो ), जायद मौसम की प्रमुख फसल हैं। इसकी खेती मैदानों से लेकर नदियों के पेटे में सफलतापूर्वक की जा सकती हैं। ये कम समय, कम खाद और कम पानी में उगाई जा सकने वाली फसलें हैं। उगने में सरल, बाजार तक ले जाने में आसानी और अच्छे बाजार भाव से इसकी लोकप्रियता बढती जा रही हैं इसके कच्चे फलो का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता हैं।  इनके पके हुऐ फल अत्यंंत लोकप्रि‍य,  मीठे, शीतल, मृदुल वि‍‍‍‍‍‍रेचक एवं प्यास को शांत करने वाले होते हैं।  तरबूज एक महत्वपूर्ण ककड़ी सब्जी...