Crop Cultivation

पॉलीहाउस में चप्पन कद्दू उत्पादन की वैज्ञानिक विधि  पर्वतीय क्षेत्रों की भोगोलिक परिस्थितियां और यहां का मौसम फसलोत्पादन का समय सीमित कर देता है, जिससे किसानों को कम आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। चप्पन कद्दू या समर स्क्वेश, कम गर्म तथा पाला रहित स्थान में षीघ्र उगने वाली एक व्यवसायिक फसल है। जिसकी खेती पॉलीहाउस तकनीकी से वर्ष भर या बेमौसम में की जा सकती है। साधारणतया यह फसल गर्मियों की है लेकिन इसकी मॉग बाजार में हमेशा होती रहती है। इसलिए यदि पाँलीहाउस में वैज्ञानिक विधि द्वारा इसे उगाया जाय तो वर्श भर फल प्राप्त होते रहेंगे। चप्पन कद्दू का छिलका अन्य कद्दू वर्गीय फसलों के विपरीत पकने पर कड़ा एवं...

सहजन: पौष्टिकता से भरपूर बहुउद्देशीय वृक्ष सहजन का वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है. इसे अंग्र्रेजी में ड्रमस्टिक, मराठी में शेवगा, तमिल में मुरूंगई, मलयालम में मुरिन्गन्गा और तेलगु में मुनगावया इत्यादि नामो से जानते हैं. सहजन एक बहु उपयोगी पेड़ है, यह मोरिंगासी परिवार का सदस्य है. यह परंपारागत रूप से घरो के पिछवाड़े या बगीचों में लगाया जाता है. इसका पेड़ सामान्यत १० से १२ मीटर ऊँचा होता है. यह तेजी से बढ़ने वाला, गहरी जड़ो वाला सूखा सहनशील पौधा है. यह सदाबहार, माध्यम आकर का पर्णपाती वृक्ष्य है. इसका तना सफ़ेद भूरे रंग का होता है और मोटी छाल से ढाका रहता है. इसकी उत्पत्ति भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान...

फूलगोभी की उन्नत खेती  फूलगोभी हर तरहह  की ज़मीन  मैं हो सकती है।  लेकिन रेतली ज़मीन में अच्छी पैदावार हो सकती है। फूलगोभी की फसल 6 से 7 पी एच वाली फसल में अच्छी होती है। इसकी काश्त  में  तापमान का  बहुत  बड़ा  हाथ  होता  है। फूलगोभी की पौध  तैयार  करने  के  लिए 23 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए  और  बाद  में 17 से  20 डिग्री होना उत्तम माना  जाता है। गरम इलाको में  इसकी फसल 35 डिग्री  में  भी हो  सकती  है। जबकि ठन्डे  एरिया  में 15  से  20 डिग्री में भी हो  जाती है। पहले खेत को पलेवा करें जब भूमि जुताई योग्य हो जाए तब उसकी जुताई 2 बार मिटटी पलटने वाले...

वर्षाकालीन मौसम में सब्जियों की नर्सरी सब्जियों में कुछ फसलें ऐसी है जिनके बीज को सीधे खेतों में बोया जाता है, क्योंकि इन फसलों में रोपाई के समय जो आघात लगता है, उसको सहने की क्षमता नहीं होती, जैसे- भिण्डी, बरबटी, सेम आदि, दूसरी तरफ कुछ फसलें ऐसी हैं, जिनके पौधे तैयार कर खेत में रोपाई की जा सकती है, जैसे- टमाटर, बैंगन, मिर्च, प्याज, फूलगोभी आदि। इन सब्जियों के पौधा में रोपाई के समय लगने वाले आघात को सहने की क्षमता पायी गई है। अत: इन पौधों के बीजों को शुरू में पौधशाला (नर्सरी) में बोया जाता है खरीफ या वर्षाकालीन मौसम में सब्जियों की फसलें लेने हेतु सब्जियों की नर्सरी में ऊपर...

भिण्डी की उन्नत उत्पादन तकनीक   भिण्डी को खरीफ, रबी और ग्रीष्म तीनों ही मौसम में उगाया जाता है क्योंकि भिण्डी एक दिवस निष्प्रभावी पौधा है । सब्जी के रूप में भिण्डी के हरे, मुलायम तथा पोषक तत्व युक्त फल खाये जाते है। पौष्टिकता की दृष्टि से भिण्डी में विटामिन, कै‍‍‍ल्शियम, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसके फलों व डण्ठलों का उपयोग कागज उद्योग में भी किया जाता है।  भि‍ण्‍डी उगाने के लि‍ए जलवायु :- भिण्डी को बढ़वार के लिए लम्बे समय तक गर्म मौसम की आवश्कता पड़ती है। इसके बीजो के अच्छे अंकुरण के लिए तापमान 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य होना चाहिए। तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर होने...

कटहल की उन्नत खेती तकनीक कटहल भारत का एक महत्वपूर्ण फल है। इसकी उत्पत्ति भारत में हुई हैं। यह विश्व के अन्य देशों में भी उगाया जाता हैं। भारत वर्ष में इसकी खेती पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के मैदानों, उत्तर-पूर्व के पर्वतीय क्षेत्रों, संथाल परगना एवं छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्रों, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बंगाल के मैदानी भागों में मुख्य रूप से की जाती है। इसे दक्षिण भारत में प्रमुखता से उगाया जाता हैं। जगदलपुर व बस्तर कटहल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। कटहल का पौधा एक दीर्घजीवी, सदाबहार, 8-15 मी. ऊँचा बढ़ने वाला, फैलावदार एवं घने क्षेत्रकयुक्त बहुशाखीय वृक्ष होता है। कटहल के छोटे एवं नवजात मुलायम फल सब्जी के...

तरबूज की खेती ग्रामीण आय बढ़ाने का एक अच्‍छा साधन   तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु की फसल है । इसका फल बाहर से हरे रंग के होते हैं और अंदर से लाल होते है। ये पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इसे मतीरा  और हदवाना भी कहा जाता है। तरबूज भारत मे बहुत लोकप्रि‍‍‍य फल है। बाजार मेें तरबूज की अच्‍छेे भाव आसानी से मि‍ल जाते है अत: कि‍सानो की आय बढाने मे तरबूज की खेती एक अच्‍छाा साधन हो सकता है।  तरबूज की खेती के लि‍ए भूमि : तरबूज की फसल के लिए बलुई दोमट जमीन बेहतर होती है। इसी वजह से नदियों के किनारे की दियारा जमीन इस के लिए सब से अच्छी मानी जाती...

गेंहू की पछेती बुबाई में पैदावार बढ़ाने के लिए मिश्रित शाकनाशियों का उपयोग  खरपतवार कृषि-पारिस्थितिक तंत्र में अवांछित पौंधें हैं जो सीमित संसाधनों के लिए फसलों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं जिसके परिणामस्वरूप फसल पैदावार और किसानों की आय में कमी आती है। देर से बोए गए गेहूं में, मिश्रित प्रकार के खरपतवार के कारण गेंहू की उपज में 34.3 प्रतिशत तक की कमी पाई गई, जिससे नत्रजन, पासफोरस और पोटाश की क्रमश: 2.57, 0.43 और 1.27 प्रतिशत की हानि पाई गई है। एक आंकलन के अनुसार खरपतवार नियंत्रण की औसतन लगत रु 6000 प्रति हेक्टेयर खरीफ ऋतु में और रु 4000 प्रति हेक्टेयर रबी ऋतु में आंकी गयी है जो कुल फसल...

चौडा धनिया: उष्णकटिबंधीय द्वीपों की एक सफल फसल Broad dhaniya (Eryngium foetidum  L. / Umbelliferae-Apiaceae) is a shade loving aromatic and medicinal plant also grown as a leafy vegetable in tropical regions.  Broad dhaniya plant               Broad dhaniya in flowering It is native to Central and Latin America. It is also known as Mexican coriander, cilantro, spiny coriander, fit weed, burma dhaniya, Vilayati dhaniya. CARI, Port Blair has developed its first variety through mass selection using local collections from Andaman & Nicobar Islands and named as ‘CARI Broad Dhaniya’. It has broad, long, serrated leaves with uniform growth and flowering pattern. It is rich in carotenoids, pohyphenols, chlorophyll and ascorbic...

मध्यप्रदेश में मौसम आधारि‍त खरीफ प्याज की खेती  प्याज लगभग सभी भूभागोंकी एक महत्वपूर्ण फसल है और कई देशों में इसकी व्यावसायिक रूप से खेती की जाती है। यह भारत वर्ष के प्रत्येक पाकगृह में सब्जी और मसालों में इस्तेमाल होनेवाली एक आवश्यक वस्तु है। वर्तमान में भारत दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है (बागवानी सांख्यिकी, 2017)। देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं। देश के कुल प्याज उत्पादन का लगभग 90% पैदावार इन राज्योंसे आता हैI देश में मध्यप्रदेश दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। मध्यप्रदेश सालाना 1,02.9 हज़ार हेक्टर क्षेत्र से लगभग 3721.61...