Crop Cultivation

Green fodder production technique पशुओं की उत्पादन क्षमता उनको दिए जाने वाले आहार पर निर्भर करती है। पशुओं को संतुलित आहार दिया जाय तो पशुओं की उत्पादन क्षमता को निश्चित ही बढ़ाया जा सकता है।  हरे चारे के प्रयोग से पशुओं को आवश्यकतानुसार शरीर को विटामिन ’ए’ एवं अन्य विटामिन मिलते हैं।  इसलिए प्रत्येक पशुपालक को अपने पशुधन से उचित उत्पादन लेने के लिए वर्ष पर्यन्त हरा चारा खिलाने का प्रबन्ध अवश्य करना चाहिए। पशुओं से अधिक दुग्ध उत्पादन लेने के लिए किसान भाईयों को चाहिए कि वे ऐसी बहुवर्षीय हरे चारे की फसले उगाऐं  जिनसे पशुओं को दलहनी एवं गैरदलहनी चारा वर्ष भर उलब्ध हो सकें।  रबी एवं खरीफ के लिए पौष्टिक हरा चारा...

Successful cultivation of Safed musli  सफेद मूसली (asparagus abscendens) की खेती सम्पूर्ण भारतवर्ष में (ज्यादा ठंडे क्षेत्रों को छोडकर) सफलता पूर्वक की जा सकती है। सफेद मूसली  को सफेदी या धोली मूसली के नाम से जाना जाता है जो लिलिएसी कुल का पौधा है। यह एक ऐसी “दिव्य औषधि“ है जिसमें किसी भी कारण से मानव मात्र में आई कमजोरी को दूर करने की क्षमता होती है। सफेद मूसली फसल लाभदायक खेती है सफेद मुसली एक महत्वपूर्ण रसायन तथा एक प्रभाव वाजीकारक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग खांसी, अस्थमा, बवासीर, चर्मरोगों, पीलिया, पेशाब संबंधी रोगों, ल्यूकोरिया आदि के उपचार हेतु भी किया जाता है। हालांकि जिस प्रमुख उपयोग हेतु इसे सर्वाधिक प्रचारित...

Grow Milk or Dudhia mushroom in the summer season to earn good returns दूधिया मशरूम एक स्वाटिष्ट प्रोटीनयुक्त तथा कम कैलोरी प्रदान करने वाला खाद्य पदार्थ है। इसमे पायी जाने वाली प्रोटीन में आवश्यक अमीनो अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि वृ़ध्दि और विकास के लिए अत्यन्त उपयोगी है ताजे मशरुम में पाये जाने वाला प्रोटीन, दूघ के प्रोटीन के बराबर होता है व अत्यधिक सुपाच्य होता है। इसके साथ ही यह विटामिन व खनिज लवण का अच्छा स्त्रोत है। मशरुम में वसा कम व प्रोटीन ज्यादा होता है। अतः यह ह्रदय रोगियो के लिए उपयोगी है। इसमे स्टार्च नहीं होता यह डायबिटीज के मरीजो को फायदा करता है। यह...

Advanced cultivation Techniques of Tomato टमाटर का वानस्पतिक नाम  लाइकोपर्सिकन एस्कुलेन्टम है। यह सोलेनेसी कुल का पौधा है। भारत में उगाई जाने वाली सब्जियों में टमाटर की खेती का प्रमुख स्थान है। सब्जी के अतिरिक्ति इसका सुप, चटनी, सलाद, सांस आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है। टमाटर के विविध उपयोगों के कारण इसकी मांग सालभर रहती है अत: किसान भाई सालभर टमाटर की खेती करके अधिक लाभ कमा सकते है। फसल योजना:- टमाटर उगाई गई मेडों के बीच में लोबिया (चवंला) लगाने से कीटो की संख्या में कमी आती है तथा 1-2 दवाई के छिडकाव में कमी आती है। अरण्डी को खेत के चारों तरफ लगाने से पत्ताी छेदक लट से बचा जा सकता है। पत्ताी छेदक कीट...

Advanced farming of onion प्‍याज की खेती  भारत के सभी भागों मे सफलता पूर्वक की जाती है। प्याज एक नकदी फसल है जिसमें विटामिन सी, फास्फोरस आदि पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसका प्याज का उपयोग सलाद, सब्जी, अचार एवं मसाले के रूप में किया जाता है। गर्मी में लू लग जाने तथा गुर्दे की बीमारी में भी प्याज लाभदायक रहता है। भारत में रबी तथा खरीफ दोनो ऋतूओं मे प्‍याज उगाया जा सकता है।  जलवायु एवं भूमि: प्याज की फसल के लिए ऐसी जलवायु की अवश्यकता होती है जो ना बहुत गर्म हो और ना ही ठण्डी। अच्छे कन्द बनने के लिए बड़े दिन तथा कुछ अधिक तापमान होना...

Advanced cultivation of medicinal Amla इम्बेलिका आफिसिनेलिस भारत का एक अहम पौधा है। इसको संस्कृत में धात्री फल कहते है। यह वृक्ष पर उगता है तथा अनेकों गुणों से भरपूर होता है। ऑवला विटामिन सी का अनन्य स्त्रोत है । इस वृक्ष का मुख्य गुण यह है। कि यह उसर भूमि पर भी उग सकता है तथा इस वृक्ष को सिंचाई की आवष्यकता नही होती है। इसे आसानी से उगाया जा सकता है। खेती के लिए भूमि तैयार करना: ऑवला की बुआई हेतु पी.एच. मान तक की मृदा भी प्रयोग का जा सकती है। इसके लिए भूमि की कोई ज्यादा तैयारी नहीे करनी होती है। इसकी बुआई हेतु मई जून माह में 8-10 मीटर...

Scientific cultivation of Lentil pule मध्यप्रदेश के असिंचित क्षेत्रों में चने की फसल के बाद रबी में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों में, मसूर मुख्य फसल है। मसूर (lentil) की संरचना ही कुछ ऐसी है कि ये पानी का उपयोग इसके जीवनकाल में कम से कम करती है। इसकी पूरी ब्राहयाकृति छोटी सी झाड़ी जैसी है, तने पर सूक्ष्म रोयें पाये जाते है एवं पत्तियां भी बारीक व लंबी होती है, यही कारण है कि अन्य दलहनी फसलों की अपेक्षा मसूर की खेती को प्रति इकाई उत्पादन में पानी की कम मात्रा की आवश्‍यकता होती है। मसूर की फसल पाले तथा ठंड के लिये अति संवेदनशील है, फिर भी अन्य रबी दलहन फसल...

उच्च पोषण और आय के लिए फूलगोभी उगाऐं Cauliflower is one of the most important winter vegetable grown by the farmers of our country. The edible part is the vegetative portion of the plants known as curd. It is rich in vitamins, minerals, fiber and bioactive compounds such as anthocyanins, beta-carotene, glucosinolate. Besides these, it is also high in folate, potassium and calcium.  It is considered as cancer (colon cancer, bladder cancer, breast cancer) fighting super vegetables due to high vitamin C, potassium, soluble fiber, folate, carotenoids and glucosinolates. It also helps in reducing serum cholesterol and also curing progeria disease, osteoarthritis. The mean glucosinolate content of is given in Table 1. Table 1: Mean...

सतत आय के लिए नारियल की खेती The coconut tree is called as "Kalpavriksha" which essentially means all parts of a coconut tree is useful some way or other. Coconut cultivation is the source of sustainable income especially for small and marginal farmers.  Coconut is essentially a tropical plant but has been found to grow under varying agro climatic conditions. The coconut palm can tolerate wide range of soil conditions. Soil with a minimum depth of 1.2m and fairly good water holding capacity is preferred for coconut cultivation. Preparation of land for Coconut farming:-  Size of the pit depends on the soil type and water table. In laterite soils large pits of the size 1.2m x...

Techniques for Carrot cultivation and its seed production गाजर की खेती पुरे भारत मे की जाती है इसका उपयोग सलाद,अचार एवं हल्वा के रूप मे किया जाता है। गाजर का रस कैरोटीन का महत्वपूर्ण स्त्रोत माना जाता है। कभी कभी इसका उपयोग मक्खन को रंग करने के लिये भी किया जाता है। गाजर मे विटामिन जैसे थियामीन एवं राबोफलेविन प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। संतरे रंग के गाजर मे कैरोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। गाजर की खेती के लिये मिटटी एवं जलवायु गाजर की खेती के लिये अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिटटी जिसमे कार्बनिक पदार्थ हयुमस की मात्रा अधिक हो तथा पी.एच. मान 5.5-7.0 होनी चाहिए। हल्की मिटटी...