Crop Cultivation

जौ उत्पादन की आधुनिक तकनीकियाँ भारत में जौ की खेती प्राचीनतम काल से की जा रही है। भारत के उत्तर पश्चिमी एवं पूर्वी मैदानी क्षेत्रों की जौ एक महत्वपूर्ण रबी फसल है। वर्ष 2019-20 के दौरान भारत में जौ का 16.9 लाख टन उत्पादन 6.20 लाख हैक्टर भूमि पर 26.17 किलोग्राम/हैक्टर उत्पादकता के साथ किया गया। प्राचीन काल से जौ का उपयोग मनुष्य के खाद्य पदार्थों (आटा, दलिया, सत्तू व पेय पदार्थ), पशु आहार एवं इसके अर्क व सीरप का प्रयोग व्यावसायिक रूप से तैयार किए गए खाद्य एवं मादक पेय पदार्थों में स्वाद, रंग या मिठास जोड़ने के लिए किया जाता है। वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर जौ को औषधीय रूप में...

गेहूँ उत्पादन की टिकाऊ एवं प्रभावी प्रौद्योगिकियाँ भारत में गेहूँ लगभग 31.17 मिलियन हैक्टर क्षेत्रफल पर उगाया जाता है जो कुल फसल क्षेत्रफल का 24.94 प्रतिशत है। जिसमें पाँच कृषि जलवायु क्षेत्र उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय क्षेत्र शामिल हैं। वर्ष 2019-20 के दौरान इन क्षेत्रों का कुल खाद्यान्न उत्पादन में 36.79 प्रतिशत का योगदान है। गेहूँ दुनिया भर के सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है। यह लगभग 250 करोड़ से अधिक लोगों का मुख्य भोजन है, इससे दुनिया भर में खपत होने वाले प्रोटीन के 20 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति होती है। गेहूँ भारत वर्ष की एक प्रमुख खाद्यान्न...

बीजोपचार - गेहूँ की स्वस्थ फसल का आधार  भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ एक प्रमुख फसल है जो समस्त भारत में लगभग 30.31 मिलियन हैक्टर क्षेत्रफल पर उगाई जाती है जो कुल फसल क्षेत्रफल का लगभग 24.25 प्रतिशत है । फसल सत्र 2019-20 के दौरान भारत में 107.59 मिलियन टन गेहूँ का उत्पादन हुआ । कृषि उत्पादकता और उत्पादन में निरंतर वृद्धि के लिए बीज एक महत्वपूर्ण आवक है क्योंकि लगभग 90 प्रतिशत खाद्यान्न फसलें बीज से ही तैयार की जाती हैं । कृषि क्षेत्र में बीज की भूमिका का भारत जैसे विकासशील देश में बहुत महत्व है जहाँ की जनसंख्या मूलभूत आवश्यकताओं और रोजगार के लिए कृषि...

परवल की वैज्ञानिक विधि से खेती परवल को ट्राइकोसेन्थेस डियोका ( Trichosanthes dioica) या पाॅइंटि‍ड गोड (Pointed gourd)  के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेल वाली सब्‍जी फसल है। परवल का सब्जियों में विशिष्ट स्थान है, इसके के फल सुपाच्य होते है तथा शरीर के परिसंचरण तंत्र को बल प्रदान करते है इससे मिठाइयां भी बनाई जाती है | भारत में इसकी खेती पश्चिम बंगाल, असाम, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश में बहुतायत सेे की जाती है | उत्तर प्रदेश में परवल की खेती मुख्यतया बलरामपुर, बस्ती, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, बलिया. गाजीपुर, वाराणसी, सुलतानपुर एवं अन्य तराई क्षेत्रो में की जाती है |   परवल की कि‍स्‍में :  परवल...

मिर्च की खेती के लिए नर्सरी की तैयारी मिर्च को सामान्य रूप से प्रत्यारोपित किया जाता है क्योंकि बहुत बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं और विशेष देखभाल दी जा सकती है, जब पौध नर्सरी में तैयार की जाती है| मि‍र्च नर्सरी के लिए साइट का चयन चयनित क्षेत्र अच्छी तरह से सूखा होना चाहिए, और जल जमाव से मुक्त होना चाहिए उचित धूप होनी चाहिए, नर्सरी को पानी की आपूर्ति पास होनी चाहिए ताकि सिंचाई आसान हो सके। इस क्षेत्र को पालतू और जंगली जानवरों से अच्छी तरह से संरक्षित किया जाना चाहिए। कार्बनिक पदार्थों से भरपूर रेतीली दोमट और दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है ।। स्वस्थ रोपाई के लिए, बीज और मिट्टी को रोगज़नक़ और कीट से...

गेहूं उत्पादन तकनीक गेहूँ रबी ऋतु में उगाई जाने वाली अनाज की एक मुख्य फसल है।  क्षेत्रफल एवं उत्पादन दोनों ही दृष्टि से विश्व में धान के बाद गेहूँ दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण फसल है। गेहूँ अनाज के साथ-साथ भूसे के रूप में पशु आहार के लिए प्रमुख स्रोत है। गेहूँ का मुख्य उत्पादन उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू-कश्मीर में होता है। हरियाणा राज्य में गेहूँ  की फसल लगभग 25 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में उगायी जाती है और इसकी औसत उपज लगभग 3172 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर है । हरियाणा क्षेत्र में गेहूँ का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने की अपार सम्भावनायें...

चना की उन्नत कृषि तकनीक चना रबी ऋतु ने उगायी जाने वाली महत्वपूर्ण दलहन फसल है। विश्व के कुल चना उत्पादन का 70 प्रतिशत भारत में होता है। देश के कुल चना क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत भाग तथा कुल उत्पादन का लगभग 92 प्रतिशत इन्ही प्रदेश से प्राप्त होता है। भारत में चने की खेती 7.54 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है जिससे 7.62 क्विं./हे. के औसत मान से 5.75 मिलियन टन उपज प्राप्त होती है। भारत में चने की खेती मुख्य रूप  से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा बिहार में की जाती है। भारत में सबसे अधिक चने का क्षेत्रफल एवं उत्पादन वाला राज्य मध्यप्रदेश है तथा...

छत्तीसगढ़ के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों में आलू की उन्नत खेती आलू भारत की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है जिस  की खेती देश देश में 1-2 राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में  खेती की जाती है अन्य फसलों की तरह आलू की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्मो व रोग रहित किस्मों की उपलब्धता आवश्यक है इसके अलावा उर्वरकों का उपयोग सिंचाई की व्यवस्था व रोग नियंत्रण के उपाय व रोकथाम दवाइयों का प्रयोग भी उपज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है छत्तीसगढ़ में आलू की खेती प्रायः प्रायः सभी जिलोंं में की जाती है राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देनेे हेतु कृषि विश्वविद्यालय जो कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर...

बीजीय मेथी फसल की वैज्ञानिक विधि से खेती मेथी (ट्राइगोनेला फोइनम-ग्रेइकम एल.), फेबेसी कुल के अन्तर्गत आने वाली एक वर्षीय बहुपयोगी बीजीय मसालो की एक प्रमुख फसल है। भारत में मुख्य रुप से मेथी की खेती राजस्थान , मध्यप्रदेश तथा गुजरात में की जाती है। देश की मेथी का 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल व उत्पादन अकेले राजस्थान राज्य में है, अतः इसे मेथी का कटोरा कहा जाता है| राजस्थान में मेथी उत्पादन मुख्यत: नागौर, उदयपुर, कोटा, बून्दी, झालावाड. आदि जिलो में होता है। मेथी का उपयोग सब्जियों व खाद्य पदार्थो में किया जाता है तथा इसका औषधीय महत्व भी है। इसकी हरी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन सी तथा खनिज लवण आदि...

कीवी फल की वैज्ञानिक तरीके से खेती कीवी का वैज्ञानिक नाम एक्टिनीड़िया चाईनैंसिस है। इसे चाइनीस गूसबेरी भी कहते हैं। यह एक बहु-वर्षीय बेल वाला पौधा है जिसमें नर व मादा अलग-अलग होते हैं। इसके फल सहिष्णु, गोलाकार या बेलनाकार होते हैं तथा हल्के भूरे रेशों द्वारा ढके रहते हैं। फल का गूदा हरे रंग का तथा काले छोटे बीजों से भरा रहता है। कीवी फल मे पोषक तत्व इस फल में 81.2% पानी, 0.79% प्रोटीन, 0.071% वसा, 16 मि.ग्रा. कैल्शियम, 340 मि.ग्रा. पोटेशियम, विटामिन-ए 175 आई यू/100 ग्रा. और 150 मि.ग्रा. विटामिन-सी, कार्बोहाइड्रेट एवं अन्य विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कीवी फल उत्‍पादन के लि‍ए जलवायु इसके लिए विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है।...