Crop Cultivation

Increase profits by scientific cultivation of sunflower सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है यह पहले भारत में अलंहत पौधे के रूप में उगाई जाती थी। सूरजमुखी को तिलहनी फसल के रूप में 1969 में परिचय कराया गया। पिछले कुछ वर्षों से अपनी उत्पादन क्षमता व अधिक मूल्य के कारण सूरजमुखी की खेती, हरियाणा के किसानों में दिनोंदिन लोकप्रिय होती जा रही है। सूरजमुखी को बड़े पैमाने पर उगाने से न केवल खाद्य तेल उपलब्ध होगा बल्कि विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। सूरजमुखी जल्दी पकने वाली फसल है, सूखा को सहन कर सकती है, तापमान एवं प्रकाश के प्रति असंवेदनशील है अतःसूरजमुखी को खरीफ, रबी एवं ज़ायद मौसम में उगा सकते हैं। लेकिन उत्तरी भारत...

Production technology of Coriander धनिया अम्बेलीफेरी या एपिएसी कुल का पौधा है। इसके वंश को कोरिएन्डम एवं प्रजाति सटाइवम है। इसका गुणसूत्र संख्या 2n = 22 होता है। धनिया के पौधे चिकनी सतह वाले 20-90 सेमी0 ऊॅंचाई के होते हैं। इसके नीचे की पत्तियाँ साधारणतया 2.5-10 सेमी0 लम्बी एवं 2.75 सेमी0 चौड़ी होती है। ऊपर की पत्तियाँ छोटे-छोटे भागों में विभक्त होकर पतले पर्ण फलकों में बदल जाती है। इसके पुष्प छोटे आकार के छत्रक में आते हैं। पत्ती वाली सब्जियों में धनिया का प्रमुख स्थान है। इसकी मुलायम पत्तियाँ को चटनी एवं सॉस आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसकी हरी पत्तियों को सब्जी एवं अन्य व्यजंनों को सुगन्धित करने के...

Mushroom cultivation - an additional source of income  भारत में मशरूम उत्पादन का इतिहास लगभग तीन दशक पुराना है परंतु लगभग 10-12 वर्षो के दौरान मशरूम उत्पादन में लगातार वृध्दि दर्ज की गई है। बस्तर क्षेत्र में धान का अधिक रकबा होने के कारण पर्याप्त मात्रा में धान का पैरा प्रतिवर्ष निकलता है, जिसका मात्र 2-3 फीसदी हिस्सा जानवरों के खाने के काम में लाया जाता है, शेष खलियानों, घरों, बाडियों आदि में व्यर्थ रह जाता है जि‍सका उपयोग मशरूम की खेती में कि‍या जा सकता है। बस्तर का अधिकांश भाग असिंचित एवं एक फसली होने के कारण दिसम्बर माह के पश्चात् यहां रोजगार की समस्या उत्पन्न हो जाती है ऐसे मे मशरूम...

Method of preparation of onion nursery हमारे देश में प्याज की खेती मुख्य रुप से रबी की फसल के रुप में की जाती है। अनेक राज्यों प्याज की खेती खरीफ में भी की जाती है। प्याज एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है जिसमें विटामिन सी, फास्फोरस आदि पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। प्याज का उपयोग प्रतिदिन सब्जी व मसाले के रुप में किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह सलाद, चटनी एवं अचार आदि के रुप में भी प्रयोग किया जाता है। गर्मी में लू लग जाने तथा गुर्दे की बीमारी में भी प्याज लाभदायक रहता है। प्‍याज की खेती के लि‍ए जलवायु एवं भूमि प्याज की फसल के लिए समशीतोष्ण जलवायु की अवश्यकता...

Modern farming of Groundnut भारत में दलहन, तिलहन, खाध्य व नकदी सभी प्रकार की फसलें उगायी जाती हैं | तिलहनी फसलों की खेती में सरसों, तिल, सोयाबीन व मूँगफली आदि प्रमुख हैं | मूँगफली गुजरात के साथ साथ राजस्थान की भी प्रमुख तिलहनी फसल हैं | राजस्थान में बीकानेर जिले के लूणकरनसर में अच्छी किस्म की मूँगफली का अच्छा उत्पादन होने के कारण इसे राजस्थान का राजकोट कहा जाता हैं।  मूंगफली एक ऐसी फसल है जिसका कुल लेग्युमिनेसी होते हुये भी यह तिलहनी के रूप मे अपनी विशेष पहचान रखती है। मूँगफली के दाने मे 48-50 % वसा और 22-28 % प्रोटीन तथा 26% तेल पाया जाता हैं | मूँगफली की खेती 100 सेमी...

हाथी ऐप्पल: आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पेड के रूप में उभर रहा है Elephant apple crop is native to south-eastern Asia. Its botanical name is Dillenia indica (डिलिनिया इंडिका) and chalta (चाल्टा) is the name in one of Indian languages. Chalta crop is probably a native of India. It is found growing wild in Indian forests along the base of Himalayas from Nepal to Meghalaya. It bears green fruits which resemble large apples. The fruit thrives in swamps and semi-tropical forests in deep soil and humid atmosphere. Officially harvesting of chalta (elephant apple) from forest is prohibited in India as this fruits is one of the favourite fruits of wild elephant. The introducer of binomial...

किसानों की आय बढ़ाने के लिए विशिष्ट मक्का और उनकी विशेष उत्पादन प्रौद्योगिकियों की भूमिका Corn or Maize (Zea mays L.) is high-yielding, fast-growing, highly adaptable and multi -utility cereal crop. Maize and wheat are the major source of carbohydrates and proteins for almost a half of the world's human population.  Maize is primarily grown as an energy crop, but the use of different specific types such as sweet maize, popping maize and white seeded maize is quite extensive. It is with respective quality parameters relating to tender ear characteristics, biochemical components relating to protein, sweetness, starch, oil and popping traits are considered as specialty corn. Compared to field corns, specialty corns possess additional...

Commercial cultivation of Sugarcane व्यावसायिक फसलों में गन्ने का महत्त्वपूर्ण स्थान है । गन्ने की खेती के लिए गर्म जलवायु अच्छी मानी जाती है । अच्छे विकास के लिए तापमान 26-32 डिग्री से.ग्रे. उत्तम होता है । खेती के लिए मध्यम से काली कछारी एवं चिकनी दोमट मिटटी डोरसा कन्हार सर्वोत्तम रहती है। गन्‍ना उत्‍पादन के लि‍ए खेत की तैयारी: खरीफ फसल काटने के बाद खेत की गहरी जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें । इसके बाद देषी हल या कल्टीवेटर से जुताई करके पाटा चलाकर खेत समतल करें । गन्‍ना बोने का समय: गन्ने को अक्टूबर-नवम्बर षरद ऋतु व फरवरी मार्च बसंत ऋतु में बोया जाता है । बसंत की अपेक्षा षरदकालीन बुवाई...

Disease control in valuable drug Basil (Tulsi) तुलसी (Basil) एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा हैं। यह झाड़ी के रूप में उगताहैं  और १ से ३ फुट ऊँचा होता हैं। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ १ से २ इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं।  पुष्प मंजरी अति कोमल एवं ८ इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती हैं, जिस पर बैंगनी और गुलाबी आभा वाले बहुत छोटे हृदयाकार पुष्प चक्रों में लगते हैं। तुलसी के बीज चपटे पीतवर्ण के छोटे काले चिह्नों से युक्त अंडाकार होते हैं। नए पौधे मुख्य रूप से वर्षा ऋतु में उगते हैं और शीतकाल में फूलते हैं। पौधा...

More beneficial cultivation of Mushroom वर्षा ऋतु में मिट्टी में से अपने आप छतरीनुमा आकार के सफेद, लाल, भूरे विभिन्न रंगों के फफूँद या क्षत्रक उगते हैं। यही फफूँद मशरूम (mushroom) कहलाते हैं। इसे फुटू या पीहरी भी कहा जाता है। यह फफूँदो का फलनकाय होता है। जो  पौश्ष्टिक, रोगरोधक, स्वादिष्ट तथा विशेष महक के कारण आधुनिक युग का महत्त्वपूर्ण खाद्य आहार है।  बिना पत्तियों के, बिना कलिका, बिना फूल के भी फल बनाने की अदभूत क्षमता वाली मशरूम, जिसका प्रयोग भोजन के रूप में, टानिक के रूप में औषधि के रूप में होता है, अत्‍यन्‍त बहुमूल्य है। मौसम की अनुकूलता एवं सघन वनों के कारण भारतवर्ष में पर्याप्त प्राकृतिक मशरूम निकलता...