Crop Cultivation

Cultivation of Mint to earn more Profits वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में जहां एक ओर वैश्विक कृषि व्यवसायीकरण की ओर गतिशील दिखाई देती है। वहीं दूसरी भारतीय कृषि आज भी परंपरागत खेती को अपने युवा कांधों व तकनीकी दिमाग पर बोझ बनाये बैठी है। वर्तमान समय परंपरागत खेती से हटकर बाजार मांग के अनुसार फसल उत्पादन का है जहां नये कृषि उत्पादों का उत्पादन कर किसान अपने आय को उच्चतम स्तर तक पहुंचा सके। पुदीना लेमिएसी कुल से संबंधित एक बारह मासी खुशबुदार अत: भुस्वारी प्रकार का पौधा है। पुदीने की खेती मुख्यत: उनकी हरी, ताजा खुशबूदार पत्तिायों के लिये की जाती है। गांव-घरों में पनियारी के पास जहां पानी नियमित रूप से लगता है पुदीना...

Cultivation  of baby corn for more profit बेबी कॉर्न मक्का का भुट्टा है जो सिल्क (भुट्टा के ऊपरी भाग में आयी रेशमी कोपलें) की 1-3 से॰ मी॰ लम्बाई वाली अवस्था तथा सिल्क आने के 1 - 3 दिन के अन्दर ऋतु के अनुसार, पौधे से तोड़ लिया जाता है (चित्र 1 तथा 2) | इस अवस्था में दाने अनिषेचित (अनफर्टिलाइज्ड ) होते हैं | अच्छे  बेबी कॉर्न की लम्बाई  6-10 से॰ मी॰‚  व्यास 1-1.5 से॰ मी॰  तथा रंग हल्का पीला होना चाहिये | यह फसल खरीफ (गर्मी) में लगभग 50-60 दिनों‚ रबी (जाड़ा) में 110-120  दिनों‚ तथा जायद (वसंत) में 70-80 दिनों में तैयार हो जाती है | एक वर्ष में ...

कमल की खेती: कमाई का संभावित क्षेत्र The lotus plant is an aquatic perennial, native to Southern Asia and Australia. It is most commonly cultivated in water gardens. The pink lotus is the national flower of India. The lotus (Nelumbonucifera) is known by a number of common names, including sacred lotus, Indian lotus, East Indian lotus, Oriental Lotus, Lily of Nile, Bean of India and Sacred water lily. It symbolizes purity, beauty, majesty, grace, fertility, wealth, richness, knowledge and serenity. The American Lotus (Nelumbolutea) is native to a region stretching from south-eastern part of North America to the northern part of South America. It is smaller than the sacred lotus; bears scented,...

कागजी नींबू उत्‍पादन से पायें लगातार अतिरिक्त आर्थिक लाभ। Citrus is native to a large area. There are some popular species of citrus group known as Kagzi lime (Citrus aurantifolia), Grapefruit (Citrus paradisi) and Pummelo (Citrus grandis), Sweet orange (Citrus sinensis), Mandarin (Citrus reticulata). In India, citrus is the third largest fruit industry after Banana and Mango. In India, Citrus fruits are successfully grown in Andhra Pradesh, Gujarat, Maharashtra, Karnataka, Uttarakhand, Bihar, Assam, Rajasthan, Madhya Pradesh and other states. These are the most  common  fruits in India and  have  become  popular  because  of  their  availability  almost  throughout  the  year  at  moderate prices. Among the citrus group, Kagzi lime is one of...

Controlling blossom (Bahar) for high quality fruiting in guava अमरूद का फल वृक्षो की बागवानी मे एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी बहुउपयोगिता एवं पौष्टिकता को ध्यान मे रखते हुये लोेग इसे गरीबो का सेब कहते है। इसमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। इससे जैम, जैली, नेक्टर आदि परिरक्षित पदार्थ तैयार किये जाते है। उत्तरी व पूर्वी भारत मे वर्ष मे दो बार फलन एवं पश्चिमी व दक्षिणी भारत मे वर्ष मे तीन बार फलन आता है, जिसमे मृग बहार, अम्बे बहार एवं हस्त बहार आते है। भारत मे मृग बहार जो है वह अम्बे बहार एवं हस्त बहार से ज्यादा पसंद किये जाते है क्योंकि अन्य दोनो बहार की...

Advanced production technology of Capsicum सब्जियों मे शिमला मिर्च की खेती का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसको ग्रीन पेपर, स्वीट पेपर, बेल पेपर आदि विभिन्न नामो से जाना जाता है। आकार एवं तीखापन मे यह मिर्च से भिन्न होता है। शिमला मिर्च के फल गुदादार, मांसल, मोटा, घण्टी नुमा कही से उभरा तो कही से नीचे दबा हुआ होता है। शिमला मिर्च की लगभग सभी किस्मो मे तीखापन अत्यंत कम या नही के बराबर पाया जाता है। इसमे मुख्य रूप से विटामिन ए तथा सी की मात्रा अधिक होती है। इसलिये इसको सब्जी के रूप मे उपयोग किया जाता है। यदि किसान शिमला मिर्च खेती उन्नत व वैज्ञानिक तरीके से करे तो अधिक...

Intensive Horticulture - Today's requirement for growing population भारत मे फलो के उत्पादन के लिये विभिन्न प्रकार की जलवायु उपलब्ध है, लेकिन प्रति व्यक्ति फलो की उपलब्धता एवं उपयोग अन्य विकसित देशो की तुलना मे काफी कम है। हमारे यहां प्रति व्यक्ति फलो की उपलब्धता केवल 85 ग्राम है। कृषि मे बागवानी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे किसान अपनी भूमि से अधिक से अधिक आय प्राप्त कर सकते है। प्रति व्यक्ति फलो की उपलब्धता को बढ़ाने के लिये क्षेत्रफल को बढ़ाना अत्यंत मुश्किल कार्य है। हम उत्पादन को कुछ विशेष प्रबंधन अपनाकर आसानी से बढ़ा सकते है। इसके लिये अधिक उपज देने वाली किस्मो का चयन, सही समय पर कटाई-छंटाई, वृद्धि नियामको...

Improved Cultivation Technique of Garden Pea शीतकालीन सब्जियो मे मटर का स्थान प्रमुख है। इसकी खेती हरी फल्ली (सब्जी), साबुत मटर, एवं दाल के लिये किया जाता है। आजकल मटर की डिब्बा बंदी भी काफी लोकप्रिय है। इसमे प्रचुर मात्रा मे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, रेशा, पोटेशियम एवं विटामिन्स पाया जाता है। स्वाद एवं पौष्टिकता की दृष्टि से दलहनी फसलो मे से मुख्य फसल है। देश भर मे इसकी खेती व्यावसायिक रूप से की जाती है। इस लेख के माध्यम से इसका अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये उन्नत तकनीकी के महत्वपूर्ण पहलुओ पर प्रकाश डाला गया है- मटर की उन्नत शील किस्मेः- मटर के किस्मो को दो वर्गो मे विभाजित किया गया है...

Advanced Production Techniques of Fenugreek सामान्य मेथी का वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला फोइनमग्रेसियम एवं एक और वर्ग कस्तूरी मेथी का है जिसका वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला कार्निकुलाटा है। मेथी की खेती मुख्यतः हरी सब्जियों, दानो (मसालों) एवं कुछ स्थानो पर चारो के लिये किया जाता है।  मेथी के सूखे दानो का उपयोग मसाले के रूप मे, सब्जियो के छौकने व बघारने, अचारो मे एवं दवाइयो के निर्माण मे किया जाता है। इसकी भाजी अत्यंत गुणकारी है जिसकी तुलना काड लीवर आयल से की जाती है। इसके बीज में डायोस्जेनिंग नामक स्टेरायड के कारण फार्मास्यूटिकल उधोग में इसकी मांग रहती है। इसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इस लेख मे...

Successful cultivation of Bael or Wood Apple (aegle marmelos), a medicinal fruits of northern India. बेल भारत के उत्तरी भागों में उगाया जाने वाला फलदार पौधा है। स्थानीय स्तर पर इसे बेलगिरी, बेलपत्र, बेलकाठ या कैथा के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी भाषा में इसे वुड एप्पल (Wood Apple) कहतें हैं। बेल का फल विभिन्न प्रकार की बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ को बढ़ावा देने के लाभ के लिए औषधी के रूप में उपयोग में लिया जाता है। इसके फल में विभिन्न प्रकार के एल्कलाॅइड, सेपोनिन्स, फ्लेवोनाॅइड्स, फिनोल्स व कई तरह के फाइटोकेमिकल्स पाये जाते हैं। बेल के फल के गूदे (Pulp) में अत्यधिक ऊर्जा, प्रोटीन, फाइबर, विभिन्न प्रकार के...