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Various value added products of Barley जौ विश्व में प्राचीन काल से उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। कुल उत्पादन की दृष्टि से अनाज फसलें जैसे धान, गेहूँ एवं मक्का के बाद जौ की फसल को विश्व में चौथा स्थान प्राप्त है। भारत में इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, खाद्य पदार्थों, पशु आहार एवं पशु चारे के रुप में सदियों से होता आ रहा है। संस्कृत में इसे ”यव” के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में जव, जवा, वियाम, आरिसि, तोसा एवं चीनो आदि नाम से जानते हैं। लेकिन पिछले कुछ दशकों से मानव स्वास्थ्य के लिए जौ के लाभकारी गुणों का पता चला है। विकासशील देशों के बदलते परिवेश में शाकाहारी...

Mangoes and their processed products आम प्राचीनकाल से भारत का लोकप्रिय फल है तथा भारत, पाकिस्तान व फिलिपिन्स का राष्ट्रीय फल हैं व बंग्लादेश का राष्ट्रीय पेड़ हैं तथा इसे अपनी आकर्षक रंग, मनमोहक सुगंध, मिठास तथा उत्तम स्वाद के कारण आम ’’फलों का राजा’’ कहलाता हैं। आम का पेड़ एक सदाबहार वृक्ष हैं, जिसकी लम्बाई 8 - 18 मी तक हो होती है। भारत में आम की 1000 से अधिक किस्में पायी जाती है, परन्तु व्यापारिक दृष्टि से आम की 30 प्रजातियाॅ उगाई जाती हैं। आम अपनी प्रारंम्भिक अवस्था से अंतिम अवस्था तक उपयोगी होता है। अप्रैल के महीने से लेकर जुलाई तक आम की अलग-अलग किस्में- तोतापरी, बेनिशान, हापुस, हिमसागर, दशहरी,...

Wheat grain, treasure for health विभिन्न प्रकार की जलवायु, मृदा एवं उत्पादन दशाओं में उगाई जाने वाली गेहूँ एक विश्वव्यापी महत्वपूर्ण फसल है। विश्वस्तर पर मनुष्यों के लिए पारम्परिक, प्राकृतिक, फाइबर से भरपूर एवं उर्जादायक भोजन की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिए गेहूँ को खाद्य पदार्थ के रुप में उपयोग किया जाता है। भारत में उत्पादित कुल खाद्यान्न में 36.7प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ खाद्य टोकरी की खपत में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा गेहूँ को बड़े पैमाने पर खरीदा जाता है, जिसे भारत की अधिकांश आबादी को खाने के लिए वितरित किया जाता है। अनाजों से मिलने वाली ऊर्जा में गेहूँ...

Red chilli: Harvest and Post Harvest Handling भारत मिर्च का विश्व में सबसे बड़ा निर्माता एवं उपभोक्ता है। इसका योगदान वैश्विक उत्पादन का लगभग २५ प्रतिशत है। इसकी खेती भारत के विभिन्न भागों में होती है और यह सालभर उपलब्ध रहता है। इसकी तुड़ाई ज्यादातर दिसंबर से मार्च तक होती है तथा इसकी आपूर्ति फरवरी से अप्रैल तक चरम पर होती है। इसके रोपाई का मुख्य समय खरीफ का मौसम है।  लाल मिर्च की तुड़ाई: लाल मिर्च की तुड़ाई सवेरे करनी चाहिए.  बारिश या बारिश के पश्चात् तुड़ाई से बचना चाहिए. तुड़ाई के समय फलों के डंठल को मजबूती से पकड़ कर ऊपर के तरफ खींचना चाहिए. इससे फलों का टूटना बचाया जा सकता...

गन्नेे (ईख) के उत्पाद तथा उनके अनेक उपयोग Sugarcane is the second important industrial crop in India occupying an area of about 5 m.ha and over five million farmers are involved in the cultivation of sugarcane. Sugar industry contributes significantly to the rural economy as the sugar mills are located in the rural areas and provide large scale employment to rural population.  India is the largest consumer and the second largest producer of sugar. The sugarcane plant offers a huge potential, not only as the sucrose of a very important food but also as a source of energy and valuable commercial products from fermentation and chemical synthesis. Sugarcane is considered as one...

बागवानी फसलों के शेल्फ जीवन विस्तार के लिए बायोडिग्रेडेबल नैनो फॉर्म्यूलेशन Horticulture crops play important role in economic development of the country and it contributes 30.4 per cent to GDP of agriculture. But the post-harvest loss reduced the quality of commodities, in India the estimated loss ranges from 14-36% in fruits and 10-25% in vegetables. Every year we lost approx 1 lakh crore Rs due to post harvest losses in horticulture crops. Ripened fruits are terribly spoil and prone to transport harm which consequently leads to loss of quality and quantity. This is particularly common in developing countries because of poor post-harvest handling systems, storage facilities and transportation. Various factors responsible for post-harvest losses can be categorized into two major categories. First, pre harvest...

Moringa's Value Added Products to Increase Agricultural Income  वर्तमान फसल पद्धतियों एवं जलवायु की दशाओं को ध्यान में रखते हुए किसानों की आय मे वृद्धि कृषि वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके लिए परंपरागत फसलों एवं बहुमूल्य औषधीय पौधों की खेती की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है। इस प्रकार की फसलें अल्प लागत में अधिक लाभ देकर स्थायी विकास को प्रोत्साहित करती हैं तथा अन्य सह फसलों के उत्पादन में होने वाले जोखिम को भी कम करती हैं। मोरिंगा यानि सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) एकवंशीय, मोरिंगेसी कुल का पौधा है जिसके सभी भागों को पोषण सम्पन्न माना जाता है। इसकी पत्तियों एवं फलियों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज...

फसल अवशेष जलाना: कारण, प्रभाव और प्रबंधन Crop Residue Burning (CRB) or Burning of agricultural biomass residue has been identified as a major health hazard. Burning crop residue causes remarkable pollution problems in the atmosphere and huge nutritional loss and physical health deterioration to the soil. The burning of one tonne of paddy straw releases 3 kg particulate matter 60 kg CO, 2 kg SO2 and 199 kg ash. These gases affect human health due to general degradation in air quality resulting in aggravation of eye and skin diseases, and very fine particles can also causes chronic heart and lung diseases. The composition of nutrients in crop residue is highly rich, like one...

Value added products of Mango विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 44.5 प्रतिशत है। आम उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है तथा कुल फल उत्पादन का दुसरा स्थान है। आम के फल अपनी वृध्दि एवं विकास की हर अवस्था में उपयोगी है। आम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है। आम को कच्चा या पका दोनों तरह से उपयोग करते हैं। जहाँ कच्चे आम में विटामिन 'सी' प्रचुर मात्रा में होता है वही पके आम में (कैरोटिनॉयडस) का बहुत अच्छा सा्रोत है। आम कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि खनिज लवणों का अच्छा सा्रेत है। कच्चे और पके आम में प्रोटीन, वसा, काबोहाइड्रेट, नमी, खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा,...

Production Technique of Paddy’s Value-Added Product Puffed Rice (Murmura / Murra) धान (ओराइजा सताइवा एल) सबसे महत्वपूर्ण खाद्य  प्रधान फसलों में से एक है जो दुनिया के कई हिस्सों में पोषक तत्वों का एक प्रमुख स्रोत है धान दूसरी सबसे बड़ी अनाज की फसल है यह घास परिवार (ग्रैमिनेसी) का सदस्य है, जो स्टार्चयुक्त बीज का उत्पादन करता है। चावल इन्सान की दैनिक भोजन में अपनी कुल कलोरी का ६०-७०% और प्रोटीन का एक तिहाई हिस्से की पूर्ति करने में योगदान करता है, चावल हमारे दैनिक भोजन में न केवल आहार के रूप में लिया जाया है बल्कि इसके अलवा चावल का प्रयोग नाश्ते के रूप में खाद्य पदार्थो में जैसे की मुर्रा,...