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जैव उर्वरक: टि‍काऊ खेती के लिए एक साधन After the introduction of chemical fertilizers in the last century, farmers were happy of getting increased yield in agriculture in the beginning. However, slowly chemical fertilizers started displaying their ill effects such as leaching out and polluting water basins, destroying microorganisms and friendly insects, making the crop more susceptible to diseases, reducing the soil fertility and thus causing irreparable damage to the overall system. A number of intellectuals found that biofertilizers can help in increasing the yield without causing the damage associated with chemical fertilizers. What is Bio Fertilizer?  Biofertilizers are preparations containing microorganisms, with capability of mobilizing nutritive elements from non-usable form to usable form...

Price Analysis of Onion in Indore APMC Market सूचना का अभाव कृषि बाजारों में किसानों को विशेष रूप से छोटे किसानों को अधिक प्रभावित करता हैं। आमतौर पर किसान दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और इस कारण उन्हें बाजार की स्थितियों के बारे में कम जानकारी होती है। अगर किसानों को कृषि मूल्यों के बारे में सही और विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो जाए तो वो अपनी उपज को सही वक्त और सही जगह पर बेचने की कोशिश कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में किसानों को विभिन्न माध्यमों से रोजाना कृषि मूल्यों की जानकारी मिलती है। परंतु वर्तमान में कृषि मूल्यों के बारे में रोजाना मिलने वाली जानकारी किसानों को उत्पादन और...

शहरी आबादी में पोषण सुरक्षा के लिए किचन गार्डन Vegetable crops can be grown in kitchen gardening in vary limited space of the residential area to meet the daily requirements of vegetables of a family all the year round. It ensures a healthy diet containing macro, micro nutrients, vitamins and bio active compounds by producing diverse kind of vegetables. The fast food in city areas has evolved with the changing lifestyles of the young population. This fast food contributes little or no nutrient value to the diet, but instead provides excess calories and fat which affects health and resulting in obesity, loss of appetite, peptic ulcer, etc. Vegetables play an important role to...

Medicinal Uses of Seed Spices: A view बीजीय मसालें एक वर्षीय शाकीय पौधे होते हैं जिनके बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है। इनके बीजों का प्रयोग साबुत एवं पिसा हुआ दोनों रूपों में करते हैं। इनके बीजों से प्राप्त वाष्पशील तेल का प्रयोग खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट, सुवासित एवं मनमोहक बनाने में किया जाता है। बीजीय मसालें स्वाद एवं खुशबू बिखेरने के अलावा कई औषधीय गुण भी रखते हैं। इनमें विभिन्न औषधीय गुण जैसे पाचन, अग्निवर्धक, वातानुलोमक, कातहर आदि गुण पाये जाते हैं। इनका प्रयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है जिससे इनका उपयोग काफी बढ़ रहा है।  विभिन्न बीजीय मसालों का औषधीय गुण फसलवार...

जलीय कृषि में एंटीबायोटिक दवाईयों का महत्‍व  जलीय जीवों में बहुत प्रकार की बीमारियाँ पाई जाती है। मछलियाँ बहुत ही सवेदनशील होती है जिसके कारण मछलियों में बहुत जल्दी जीवाणुओं का संक्रमण हो जाता है जिससे मछलियाँ कमजोर हो जाती है और कई बार बहुत सी मछलियाँ मर भी जाती है । इससे  किसानो की उत्पादकता में कमी आति है और जितना लाभ मिलना चाहिए उतना  नहीं मिल पाता है । बीमारि‍यों से होने वाली हानि को रोकने अथवा कम करने के लिए मछलियों में कोई बीमारी आने पर कुछ प्रतिजैविक का उपयोग कि‍या जा सकता है और मछलियों का बहेतर उत्पादन करके अधि‍क लाभ कमाया जा सकता है| प्रतिजैविक दवाऐं या एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)...

Management strategies during disaster in livestock perspective आपदा प्रबंधन प्रणालियों के महत्व संदर्भ मेंविकासशील देश जागरूक हो रहे हैं, और सभी स्तरों पर तैयारी, प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य लाभ तंत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह अच्छी तरह से जाना जाता है कि भारत सहित कई विकासशील देश हमेशा आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं रहते हैं। विकसित तरह से आपदा प्रबंधन योजनाओं की कमी के परिणामस्वरूप मानव जीवन, पशु जीवन और संपत्ति का गंभीर नुकसान हुआ है, जो आवश्यक तंत्रों के स्थान पर बचाया जा सकता है। विशेष रूप से पशुऔं कि स्थिति में सुधार के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। भारत में पशुधन...

Importance of Plant Hormones on Citrus Species विश्व में नीबूवर्गीय फसल आर्थिक रूप से महत्तवपूर्ण है। ये फल विकसित और विकासशील देशों में उगाए जाते हैं, और विटामिन ‘सी’ का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संचालित किये गए उच्चतम गुणवत्तापूर्ण ताजे नीबूवर्गीय फलों की मांग हमेशा से रही है। उच्च गुणवत्ता के ताजे और स्वस्थ फल पाने के लिए वनस्पती और प्रजनन के चरणों के दौरान, हार्मोन का उचित संतुलन होना जरूरी है। इसलिए हमें प्रथमतः पौध- हॉर्मोन्स और विकास नियामक की पारिभाषिक भिन्नता समझना जरूरी है। पौध-हॉर्मोन्स को फाइटोहोर्मोंस भी कहा जाता है, जो स्वाभाविक रूप से प्राप्त होनेवाला, जैविक और पेड़ो में संकेत उत्पादीत करने वाला घटक है, और...

Safety measures while using insecticides पारंपरिक कृषि प्रणाली में उत्पादन कम होने के कारण किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था अतः उनका आकर्षण आधुनिक कृषि प्रणाली के तरफ बढ़ा जि‍समें किसान उच्च पैदावार वाली कि‍स्‍मों , सिंचाई सुवि‍धा, रासायनि‍क उर्वरकाेें, तथा कीटनाशक का उपयोग करके फसल उत्पादन में कई गुना वृद्धी करने में सफल रहा । उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के साथ ही कीट का प्रकोप बढ़ा जिसके परिणाम स्वरूप कीट द्वारा होने वाले आर्थिक नुकसान में काफी वृद्धि हुई | एक अनुमान के अनुसार हरित क्रांति के पहले वर्ष 1960 से पूर्व कीट द्वारा होने वाला औसतन नुकसान (सभी मुख्य फसलों को मिलाकर) 7.2 % था जबकि...

खाद्य फसलों का जैवप्रबलीकरण या जैवसंवर्धन: कुपोषण दूर करने की प्रभावी रणनीति Nutrition (protein, vitamins and minerals) deficiency is one of the most important public health issue across the globe, particularly in developing and underdeveloped countries. Nutrient deficiency can be overcome by consuming a diverse diet. The other alternatives are supplementation and fortification but these are difficult to sustain on a long-term basis and fortified food is not affordable and available to poor people. Biofortification  is a process to improve the nutritional value of crop plants through plant breeding, agronomic and transgenic approaches. Consumption of bio-fortified staple crops will help in the alleviation of malnutrition thereby it improves the human health condition. Presently, development...

The usefulness of lemon in human health नीबू विटामिन सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। इसका रस में साइट्रिक अम्ल सर्वप्रमुख स्रोत था। साधारणतः नीबू में ए बी और सी विटामिनों की भरपूर मात्रा है-विटामिन ए अगर एक भाग है तो विटामिन बी दो भाग और विटामिन सी तीन भाग। इसमें पोटेशियम लोहा,सोडियम, मैगनेशियम तांबा फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो हैं ही प्रोटीन वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में हैं। विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है और कोलेस्ट्राल भी कम करता है। नीबू...