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Farmer - Impecunious or sustenance for the Nation. भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा सर्वाधिक भू-भाग पर खेती की जाती है I इस देश की कुल भूमि का ४७.४८ प्रतिशत भू-भाग कृषि कार्यो के अंतर्गत आता है I भारत की लगभग ६० प्रतिशत जनसँख्या कृषि कार्यो में सलंग्न है परन्तु उनका देश की सकल घरेलू उत्पादन में कृषि योगदान १३.५ प्रतिशत है I प्रस्तुत विषय का विवेचन निम्नलिखित बिंदुओं पर करेंगें I किसान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति : वर्तमान परिपेक्ष्य किसान बेचारा: मुख्य समस्यायें किसान: देश का सहारा कृषक सशक्त्तिकरण के प्रभावशाली उपाय कैसे सुधरेगी किसानो और खेती की दशा ? किसान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति : वर्तमान परिपेक्ष्य स्वतंत्र...

Kisan Rath Mobile App  कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है।इसके साथ ही इस लॉकडाउन में किसानों को फसल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं किसानों की इस परेशानी को देखते हुए।  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 17 अप्रैल 2020  को कृषि भवन में ‘किसान रथ’ मोबाइल एप लॉन्च किया। इसकी टैग लाइन है “किसान का अपना वाहन "। लॉकडाउन जैसी स्थिति में किसानों को फसल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की इस परेशानी को देखते हुए यह ऐप लॉन्च किया है. किसान रथ मोबाइल ऐप का उद्देश्यरू इस समय...

National Agricultural Insurance Scheme for Profitable Farming राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के उद्देश्य निम्नलिखित है- प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी के कारण किसी भी अधिसूचित फसल के बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को बीमा का लाभ और वित्तीय समर्थन देना। किसानों को खेती के प्रगतिशील तरीके, उच्च मूल्य (आगत) इनपुट और कृषि में उच्चतर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। खेती से होनेवाली आय को विशेष रूप से आपदा के वर्षों में स्थायित्व देने में मदद करना। इसके अधीन फसलें निम्नलिखित वृहत समूहों की फसल, जिनके बारे में (1) फसल कटाई प्रयोग के बारे में समुचित वर्षों के आंकड़े उपलब्ध हैं और (2) प्रस्तावित मौसम में उत्पादन की मात्रा के आकलन के लिए आवश्यक फसल...

Agricultural work to be carried out in the month of April मूंग: इस समय मूंग की फसल में 10 दि‍न के अन्‍तराल पर सि‍ंचाई करें। मूंग की फलि‍यां यदि‍ हल्‍के भूरे रगं की हो गयी हैं तो समझें की फसल पक कर तैयार है। गेंहूॅ: अनाज के भण्‍डारण से पहले गेंहूॅ को अच्‍छी तरह सुखा लें जि‍ससे उसमें नमी बाकी ना रहे। सब्‍जि‍यॉं : भि‍ण्‍डी व टमाटर की फसल को छेदक सूंडी के प्रकोप से बचाने के लि‍ए 0.1 प्रति‍शत टोपास या कैलि‍क्‍सि‍न  (400- 500 मि‍.लि‍./ 1000 लि‍टर पानी के हि‍साब से) का छि‍डकाव खडी फसल में कर दें। फल मक्‍खी के नि‍यंत्रण के लि‍ए मि‍थाइल यूजि‍नोल के फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग करें। कद्दू वर्गीय फसले: कद्दू वर्गीय फसलों...

Agricultural work to be carried out in the month of November गेंहूॅ फसल:  कण्‍डूआ रोग की रोकथाम के लि‍ए कार्बेन्‍डाजि‍म अथवा थीरम 2.5 ग्रा./ कि‍ग्रा. बीज की दर से बीजोपचार करें।  गेंहूॅ की समय से बुआई के लि‍ए नवम्‍बर माह उपयूक्‍त समय है पूसा 3038 (पूसा गौतमी) एचडी 3059 (पूसा पछेती), एचडी 3042 (पूसा चैतन्‍य) एचडी 2967 ( पूसा सि‍ंधू गंगाा), एचडी 2851 (पूसा वि‍शेष) गेहूॅ की समय पर बुआई के लि‍ए उपयुक्‍त कि‍स्‍में है। गेहूॅ बुआई के 21 दि‍न बाद पहली सि‍ंचाई करें।  गेंहूॅ में  120:50:40 NPK की दर से उर्वरक डालें। बुवाई के समय नाईट्रोजन की आधी तथा फास्‍फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा आधार खुराक के रूप में उालें। सब्‍जि‍यॉं : टमाटर तथा फूलगोभी की पछेेेेती...

Agricultural work to be carried out in the month of December गेंहूॅ फसल:  नवम्‍बर के प्रथम पखवाडे मे बोई गई गेंहू की फसल में सी.आर.आई. अवस्‍था में यानि‍ बुआई के 20-25 दि‍न बाद की 5-6 सें.मी. लम्‍बी पौध की अवस्‍था में सि‍चांई करे।  दूसरी सि‍चांई कल्‍ले नि‍कलते समय (बुआई के 40-45 दि‍न बाद) करें। 25 नवम्‍बर से 25 दि‍सम्‍बर तक सि‍ंचि‍त अवस्‍था में पछेती बुवाई के लि‍ए एच.डी 3059, एच.डी 2985, एच.डी. 2643 , डी.बी.डबल्‍यू – 14,16,71,90 की बुवाई करें। उपरोक्‍त कि‍स्‍मों की बीज दर 120 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर रखें।  सब्‍जि‍यॉं : टमाटर के पौधो की रोपाई इस माह में भी की जा सकती है टमाटर की रोपाई से पहले पौध की जडों को पर्ण्‍ कुंचन के प्रकोप से बचाव...

Agricultural work to be carried out in the month of January गेंहूॅ फसल:  पत्‍ती व तना भेदक की रोकथाम के लि‍ए इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड 200 ग्राम प्रति‍ हैक्‍टेयर या क्‍यूनलफॉस 25ई.सी. दवा 250 ग्राम प्रति‍ हैक्‍टेयर का प्रयोग करें। प्रोपीकोनाजोल 0.1 प्रति‍शत के घोल का छि‍डकाव करे। गेहूॅ की पछेती कि‍स्‍मों में बुआई के 17 से 18 दि‍न बाद सि‍चाई करें तथा उसके बाद 15-20 दि‍नों के अंतराल पर सि‍ंचाई करते रहे। गेंहूं की फसल को चूहों से बचाने के लि‍ए जि‍कं फॉस्‍फाइड से बने चारे अथवा एल्‍यूमि‍नि‍यम से बनी टि‍कि‍या का प्रयोग करें। सब्‍जि‍यॉं : प्‍याज के पौधों की रोपाई करें। प्‍याज के पौधों की रोपाई के बाद सि‍चाई करें तथा खरपतवार नि‍यंत्रण के लि‍ए रोपाई के बाद पैन्‍डामैथि‍लि‍न दवा...

Agricultural work to be carried out in the month of February सब्‍जि‍यॉं : भि‍ण्‍डी की पूसा ए-4 कि‍स्‍म की बुआई फरवरी माह में कर दें। भि‍ण्‍डी बुवाई के 8-10 दि‍न बाद सफेद मक्‍खी व जैसि‍ड कीटो से बचाव के लि‍ए 1.5 मि‍ली मोनेाक्रोटोफास दवा प्रति 1 ‍लि‍टर पानी के हि‍साब से  या 4 मि‍ली इमकडक्‍लोप्रि‍ड दवा प्रति‍ 10 लीटर पानी की दर से का छि‍डकाव करें। भि‍ण्‍डी में उर्वरक की पूर्ति‍ के लि‍ए 15 टन प्रति‍ हैक्‍टेयर गोबर की खाद के साथ 100:50:50 की दर से NPK डालें। इस माह में लौकी की पूसा संतुष्‍टि‍, पूसा संदेश (गोल फल) , पूसा समृध्‍दि‍ एवं पूसा हाईबि‍ड 3 की बुवाई करें। खीरे की पूसा उदय , पूसा बरखा की...

Agricultural work to be carried out in the month of March सब्‍जि‍यॉं : कद्दू, चप्‍पन कद्दू, लौकी , करेला, तोरर्इ , खीरा, खरबूजा, तरबूज आदि‍ बेल वाली सब्‍जि‍यों की बुआई करें। पूसा की नि‍म्‍न प्रजाति‍यों का चयन करें। कद्दू:  पूसा वि‍श्‍वास, पूसा हाईब्रि‍ड 1 खीरा: पूसा उदय खरबूजा: पूसा मधुरस तरबूज: शुगर बेबी चप्‍पन कद्दू:  ऑस्‍ट्रेलि‍यन ग्रीन एवं पूसा अलंकार कद्दू वर्गीय फसलों में 100-50-50 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर की दर से नाईट्रोजन-फॉस्‍फोरस-पोटेशि‍यम की मात्रा डालें। तथा 5-6 दि‍न के अंतराल पर सि‍चांई करते रहे। भि‍ण्‍डी में फली व तना भेदक कीट के नि‍यंत्रण के लि‍ए 2 मि‍ली इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड दवा को 10 लि‍टर पानी में घोलकर छि‍डकाव करें। भि‍ण्‍डी रस चुसने वाले कीडों के नि‍यंत्रण के लि‍ए ट्राइजोफॉस और डेल्‍टामेथ्रि‍न 1 मि‍ली दवा /...

Recommended Monthly Agricultural Activities for Scientific Farming 1. जनवरी माह के कृषि कार्य: Agricultural work to be carried out in the month of January गेंहूॅ फसल:  पत्‍ती व तना भेदक की रोकथाम के लि‍ए इमि‍डाक्‍लोप्रि‍ड 200 ग्राम प्रति‍ हैक्‍टेयर या क्‍यूनलफॉस 25ई.सी. दवा 250 ग्राम प्रति‍ हैक्‍टेयर का प्रयोग करें। प्रोपीकोनाजोल 0.1 प्रति‍शत के घोल का छि‍डकाव करे। गेहूॅ की पछेती कि‍स्‍मों में बुआई के 17 से 18 दि‍न बाद सि‍चाई करें तथा उसके बाद 15-20 दि‍नों के अंतराल पर सि‍ंचाई करते रहे। गेंहूं की फसल को चूहों से बचाने के लि‍ए जि‍कं फॉस्‍फाइड से बने चारे अथवा एल्‍यूमि‍नि‍यम से बनी टि‍कि‍या का प्रयोग करें। सब्‍जि‍यॉं : प्‍याज के पौधों की रोपाई करें। प्‍याज के पौधों की रोपाई के बाद सि‍चाई करें...